गरियाबंद जिले के ब्लाक मुख्यालय मैनपुर की सूदूर वनांचल ग्राम कोनारी में शहीद वीर नारायण सिंह जी की सहादत दिवस का भब्य आयोजन कर shahid veer narayan singh की प्रतिमा पर पूजा अर्चना की गई।ग्रामिणो युवाओं में दिखा शहीद वीर नारायण सिंह के प्रति प्रगाढ़ प्रेम और आस्था।
पंच तत्व में विलिन शहीद वीर नारायण सिंह जी की याद में बाजे-गाजे के साथ कन्याओं द्वारा कलश यात्रा निकाली गई तथा ग्राम कोनारी में शहीद चौक पर पंच तत्व की पांच कलश स्थापित कर शहीद वीर नारायण सिंह (shahid veer narayan singh) जी को याद किया गया।
सहादत कार्यक्रम में आसपास के गाँव से भी ग्रामीण सम्मिलित हुए तो वहीं आदिवासी युवा युवतियों द्वारा नृत्य प्रदर्शन की गई ।
कार्यक्रम के विशेष अतिथि भोजलाल नेताम ने सहादत दिवस को अन्यायी पर सच्चाई की जीत का पर्व बताया उन्होंने कहा कि अन्यायी चाहे कितना भी ताकतवर हो सच्चाई के सामने एक दिन झुकना पड़ता है जैसे हमारे हजारों लाखों किसानों ने सच्चाई की जीत के लिए लड़ाई लड़ी और अन्यायी को किसानों के सामने झुकना पड़ा।
सरपंच प्रतिनिधि श्री लोकेश नागेश जी ने सभा को सम्बोधित करते हुए युवाओं से विशेष आग्रह किया कि भले ही हम वीर नारायण सिंह जैसे स्वतंत्रता सेनानी न बन सके शहीद वीर नारायण सिंह जी जगह हम नहीं ले सकते परंतु उनके आदर्शों पर हम सभ चलने की कोशिश करें यदि अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना है तो हम सभी को वीर नारायण सिंह के आदर्श पर चलना होगा।
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी अध्यक्ष महेंद्र सिंह नेताम ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह सहादत का पर्व हम आदिवासियों को अन्याय अत्याचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए प्रेरित करता है शहीद वीर नारायण सिंह (shahid veer narayan singh) सोना खान के एक राजा होने का फर्ज निभाया है प्रजा की चिंता करते हुए प्रजा की रक्षा के लिए अपनी जान की बलिदान दिया हमे भारत देश में ऐसे ही राजा की आवश्यकता है जो अपनी जान की परवाह न कर जनता की परवाह करे।
माध्यमिक विद्यालय तुहामेटा के प्रधान अचार्य श्री डी.एल. बरिहा जी ने मंच के माध्यम से सोना खान के वीर सपूत नारायण सिंह जी की संक्षिप्त जीवन परिचय का ब्याख्यान कीया, तो वहीं समाज प्रमुख खोलुराम कोमर्रा ने एकता अखंडता पर विशेष जोर देते हुए कहा कि एकता में बड़ी ताकत होती है समुह में रहकर बड़ी से बड़ी कार्य भी सरल हो जाती है अंग्रेज आदिवासियों की एकता की ताकत को भलीभाँति जानते थे इसलिए उन्होंने पहले हमारे गोंड़ राजाओं को आपस में लड़ाने की कोशिश की फिर धिरे-धिरे अपनी हुकूमत करने लगे।
कार्यक्रम के अध्यक्षता कर रहे ग्राम पंचायत तुहामेटा सरपंच अंजुलता नागेश,विशेष अतिथि आदिवासी भारत महासभा अध्यक्ष भोजलाल नेताम,गोंडवाना गणतंत्र पार्टी अध्यक्ष महेंद्र सिंह नेताम,आदिवासी युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष गुजेस कपील,आदिवासी युवा प्रकोष्ठ सचिव त्यागी नेताम,आदिवासी युवा प्रकोष्ठ कोषाध्यक्ष खिलेश ठाकुर,कार्यक्रम में झाकर धनेश्वर मरकाम, ग्राम पटेल गंगाराम मरकाम, टिकम नागवंशी,प्रताप सिंह मरकाम, युवराज नेताम,परमेश्वर मरकाम,धनीराम मरकाम, शिवचरन नागेश, हितेश्वर नागेश, शुकालूराम मरकाम, कमल किशोर बघेल, मनोहर मरकाम, हरिराम मरकाम, पदमन मरकाम, फुलकुवर मरकाम, लीलाबाई मरकाम,खेमसिंह कोमर्रा एवं सैकड़ों ग्रामीण शहादत कार्यक्रम में उपस्थित रहे।