नवाखाई त्यौहार 2021|नवाखाई छत्तीसगढ़|Nava khai image|nua khai Festival 2021|Nuakhai Juhar
राजू मरकाम रिपोर्टर. आज मैनपुर क्षेत्र के सभी गांव में नवाखाई का त्यौहार बड़े जोरों शोरों से मनाया गया,वैसे तो छत्तीसगढ़ प्रदेश के सभी जिलों में सदियों से nua khai Festival नवाखाई का त्यौहार मनाते आ रहे है, नवाखाई त्यौहार ना केवल आदिवासियों का है बल्कि नवाखाई पर्व को सभी वर्ग के लोगों द्वारा मनाया जाता है।नवाखाई त्यौहार एक पारिवारिक सौहार्द्य प्रेम और एकता का प्रतीक है इस दिन एक परिवार के लोग जो अलग-अलग घर में रह रहे होते हैं अथवा अलग-अलग गांव में रह रहे होते हैं वह सब एक ही जगह एकत्र होकर अपने कुल देवी देवताओं का पूजा अर्चना कर नया अन्न अर्थात धान की नया बाली एवं नया अन्न (धान) की चिवड़ा को प्रसाद रूप में कुल देवी देवता को अर्पण कर आपस में बांटकर ग्रहण करते हैं। नया अन्न को कुल देवी देवता को अर्पण करने से कुलदेवता तृप्त होते हैं, जिससे परिवार में सुख समृद्धि की वृद्धि होती है नया खाई पर्व के पहले कोई भी व्यक्ति नया अन्य का ग्रहण नहीं करते हैं।
नवाखाई पर्व को दो दिवस में मनाया जाता है जिसमें प्रथम दिन कुल देवी देवता की पूजा अर्चना कर नया अन्न को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है तथा दूसरे दिन को नवा जोहारनी के रूप में मनाया जाता है इस दिन गांव के सभी अलग-अलग परिवार एक दूसरे से मुलाकात कर नवा जोहार करते हैं नवाखाई का दूसरा दिन भी काफी महत्वपूर्ण दिन है जो कि गांव की एकता अखंडता का प्रतीक माना जाता है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश इसी तरह की लोक पर्व एवं परंपरागत त्योहारों की गुत्थी से गुथा हुआ प्रदेश है जोकि भारत देश के अन्य राज्यों से एक अलग और अनोखी पहचान बनाती है, आप सभी को पता है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश एक कृषि प्रधान राज्य कहलाता है यहां की मुख्य फसल धान है अधिकतर किसान धान की खेती करते हैं और मान्यता यही है कि हर कार्य को कुल देवी देवता को स्मरण एवं पूजा अर्चना कर प्रारंभ की जाती है यही वजह है कि धान की नया फसल तैयार होने पर नया अन्न को खाने से पहले अपने कुल देवी देवताओं को नया अन्न का प्रसाद अर्पण कर नया अन्न को ग्रहण किया जाता है लोगों का मान्यता है कि नया अन्न को एक साथ एक परिवार में बैठकर ग्रहण करने से परिवार और गांव में सुख समृद्धि स्नेह प्रेम सौहार्द्य बढ़ता है यही कारण है कि नया खाई का पर्व छत्तीसगढ़ में मनाया जाता है।