मैनपुर। श्रमिकों की उत्साह एवं प्रोत्साहन के लिए आज फिर ग्राम पंचायत तुहामेटा के सभी कार्य स्थलों पर श्रमिकों के साथ राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी दिवस के रूप में मनाया गया।
ऐसा प्रतिवर्ष रोजगार गारंटी कार्य प्रारंभ होने पर श्रमिकों के उत्साहवर्धन के लिए हर महीने 7 तारीख को रोजगार गारंटी दिवस मनाया जाता है।
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 सर्वप्रथम 2 फरवरी 2006 को ग्रामीण क्षेत्र की मजदूरों के लिए अधिनियम पारित की गई थी। जिसे अंग्रेजी में narega भी कहा जाता है।यह भारत सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है जो गरीबों के जीवन से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है।
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम में ग्रामीण मजदूरों को 100 दिवस की कार्य उपलब्ध कराना प्रारंभिक दौर पर सुनिश्चित किया गया था जिसे वर्तमान में बढ़ाकर केंद्र सरकार की ओर से 150 दिन की गई है।
छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी राज्य सरकार की ओर से 50 दिन की एक्स्ट्रा कार्य दिवस की सुविधा दी गई है जिसे मिला कर कुल 200 दिवस की रोजगार गारंटी उपलब्ध की जाती है।
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना 2006 में लागू की गई जिसे narega के नाम से लोग जानने लगे। फिर इसे 2 अक्टूबर 2009 में इसे देश के राष्ट्रपिता कहलाने वाले महात्मा गांधी के नाम को जोड़ा गया और इसे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी manrega नाम दिया गया ।
इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र के सभी वयस्क मजदूरों को रोजगार उपलब्ध गारंटी के तौर पर किया जाता है तथा 15 दिन के अंदर मजदूरी का भुगतान करने का प्रावधान किया गया है। प्रत्येक मजदूर इस योजना के अंतर्गत कार्य की मांग के लिए ग्राम पंचायत या जनपद पंचायत को आवेदन कर सकता है और यदि एजेंसी मजदूरों को निश्चित समय अवधि में कार्य नहीं दे पाने की स्थिति में विशेष भत्ता देने का भी प्रावधान किया गया है।