मैनपुर।पैरी उद्गम भाढीगढ़ शिव मंदिर में श्रावण मास की चौथे सोमवार को महिला कांवड़िया शिव भक्तों ने शिवलिंग पर जल अभिषेक कर पूजा अर्चना किया।
पावन श्रावण मास में मैनपुर क्षेत्र की कांवरिया भाठीगढ़ शिव मंदिर (bhatigarh shiv mandir) में प्रतिवर्ष जल अभिषेक करने आते हैं इस वर्ष भी शिवलिंग पर जल अभिषेक करने प्रति सोमवार कांवड़ियों की तांता लगी हुई है। परंतु लॉकडाउन के चलते सोशल डिस्टेंसिंग पालन करते हुए कांवड़ियों ने सूझबूझ से कांवड़ यात्रा पूरी करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
पैरी उद्गम स्थल (pairi nadi ka udgam)भाठीगढ़ पहाड़ी नीचे प्राकृतिक शिवलिंग का देवालय स्थल है मान्यता है की यहां पर लोग मन्नत मांगने आते रहते हैं पुजारी का कहना है की भगवान शिव निराकार पारब्रह्म है अजर अविनाशी हैं श्रावण मास की इस पावन पर्व में जो भी शिवलिंग पर कांवड़ यात्रा कर जल अभिषेक करता है उनकी मन्नत अवश्य पूरी होती है।
यहां के बुजुर्गों का कहना माने तो इस प्राकृतिक शिवलिंग का सर्वप्रथम ब्लॉक मुख्यालय मैनपुर से 4 किलोमीटर दूर ग्राम छुईया के जंगल में दर्शन दिए थे। तब शिवलिंग का आकार बिल्कुल ही छोटा सा था शिवलिंग को बैलगाड़ी के बजाय गाय को गाड़ी में फांद कर भाठीगढ़ लाया गया।
आज भी ग्राम छुईया के जंगल जिसे महादेव घाट (mahadev ghat chhattisgarh) के नाम से जाना जाता है वहां पर भी लोग जल अभिषेक एवं पूजन के लिए आते हैं जिस जगह पर शिवलिंग का दर्शन हुआ था उस जगह की मिट्टी जली हुई सी दिखाई देती है, आज भी यह प्रमाणित सिद्ध है।